बच्चों को कैसे समझाएं|| बच्चों को अनुशासित कैसे करें || parenting tips

 बच्चों को समझाना एक जटिल काम हो सकता है, लेकिन इसे कुछ संभव तरीकों से आसान बनाया जा सकता है।


इन तरीकों का उपयोग करके आप अपने बच्चों के मन की बात पता कर सकते हैं और अपने बच्चों के साथ खुशहाल जीवन जीने और उन्हे और समझदार बनाने में सक्षम हो सकते हैं।


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1. स्थिर नियमों का पालन करें: स्कूूल जाने वाले बच्चों के लिए स्थिर नियम आवश्यक होते हैं जैसे उनके समय में उठना, नाश्ता करना, पढ़ने का समय, खेलने का समय और सोने का समय। इन नियमों का पालन करना बच्चों को अनुशासित बनाता है।


2. बच्चों को अपने साथ रखें: बच्चों को अपने साथ रखने के लिए उनका पूरा समय नहीं लेना चाहिए, इससे वे घबराते हैं और आपके साथ मिलना जुलना कम कर देते है। उनके साथ खेलना और उनकी सुनने और समझने की कुशलता को बढ़ाने के लिए समय-समय पर अलग-अलग गतिविधियों को मिलाकर आयोजित किया जा सकता है।


3. संवेदनशीलता से पेश आएं: जब बच्चे आपकी बातो का प्रतिरोध करे या आपको अपना गुस्सा जाहिर करें, तो ऐसे में, इस तरह की स्थितियों में, शांत रूप से बच्चों से बात करें और उनकी समस्याओं का समाधान निकालें। उनके अनुकूल वातावरण बनाए और उन्हें खुश रहने और अपनी बात कहने पर प्रोत्साहन दें और उनसे उनकी समस्याओं को समाधान करने के लिए सही तरीके से पूछें।


4. प्रशंसा करें: बच्चों को जब उनका शानदार काम करते हुए देखा जाता है, तो उन्हें प्रोत्साहन करना चाहिए। प्रशंसा के। माध्यम से आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है और बच्चे अधिक कुशल बनने के लिए उत्साहित हो जाते हैं।


5. संयम का मार्ग दिखाएं: बच्चों को संयमी बनाएं और उन्हें संयम रखने के तरीकों के बारे में समझाएं। ये तरीके उन्हें स्थिर सोच वाला बनाने में मदद करती हैं और वे समस्याओं पर नियंत्रण रख सकते हैं।



बच्चों को समझाने के लिए निम्नलिखित दस बिंदुओं का उपयोग किया जा सकता है:


1. उन्हें ध्यान से सुनें: जब आप अपने बच्चों से बात कर रहे होते हैं, तब सभी दिमाग की उलझनों को बाहर किया जाना चाहिए और उन्हें ध्यान से सुनने का प्रयास किया जाना चाहिए।


2. शांत रखें: आपको बच्चों के सामने शांत रहना चाहिए। किसी भी पारिवारिक मुद्दों या आपस में बहस नहीं करनी चाहिए, आपके बच्चे के सामने अधिक से अधिक शान्त रहनी चाहिए। किसी भी मुद्दे पर आप अपनी भावनाएं और अभिव्यक्ति उनके सामने जाहिर न करें।


3. खेल के माध्यम से उनसे बात करें: खेल के दौरान, बच्चे अक्सर खुश और संतुष्ट होते हैं तथा उनको खुलकर बात करने का मौका मिलता है। आप उनसे खेल कर उनके मन में उनके स्कूल, दोस्तों, परिवार आदि के बारे में जान सकते हैं।


4. खुली बात करने के लिए उन्हें अनुमति दें: अपने बच्चों से दोस्ताना और खुली बातों के लिए अनुमति दें। वे जितने ज्यादा आराम से बात करेंगे, उतना आसानी से आपको उनके मन की बात पता चलेगी।


banner 5. उदाहरण प्रदान करें: अक्सर बच्चों को समझाने के लिए उदाहरण प्रदान करने चाहिए। जब आप उनसे अलग अलग विषयों के बारे में बात कर रहे होते हैं तब उन्हें ज्यादा समझने में आसानी हो जाती है।


6. खुद को उनकी जगह पर रखें: जब आप अपनी सोचों को बच्चों के स्तर पर रखते होते हैं, तब आप उनसे बेहतर संबंध बना सकते हैं। उनके समस्याओं या स्थितियों को समझने का प्रयास करें और उनकी स्थिति को समझते हुए जवाब दें।

7. सकारात्मक संदेश दें: पॉजिटिव रहना होगा आपको, क्योंकि बच्चे नकारात्मक सोच नहीं रखते हैं आप अपने बच्चों को पॉजिटिव रिस्पॉन्स देते हैं तो यह उन्हें उत्साहित करेगा और उन्हें उनके बेहतर भविष्य के लिए अंदर से मोटीवेट करेगा।


8. सही फ़ीडबैक दें: यदि आपका बच्चा आपसे कोई प्रश्न करता है तो आप उसे सही जवाब दें और उसे भी सही जवाब देने के लिए प्रेरित करे। यदि आप अपने बच्चों को सही फ़ीडबैक देकर उन्हें समझाने का प्रयास करेंगे तो यह आपके बच्चों के लिए बेहतर विकास के लिए भी फायदेमंद होगा।


9. सवाल पूछें: अपने बच्चों से उनके मन में चल रही बातों के बारे में सवाल पूछें। ताकि वह समझ सके की वह अकेला नहीं है। यह आपके बच्चों के मानसिक विकास और उन्हें समझाने में मदद करेगा।


10. धैर्य से काम लें: बच्चों को समझाने में बहुत ज्यादा  समय लग सकता है। तो आप उन्हें समझाने के लिए धैर्यवादी बने और शांति व धैर्य से कार्य करते रहें।

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